धरती करती जल की पुकार ...
धरती करती जल की पुकार
आओ उसे हम जल अर्पण कर दें
कुछ सदुपयोग, कुछ संचय ,
कुछ वृक्षारोपण कर दें
इस तरह हम उसे जल अर्पण कर दें..
धरती माता हम सबकी धात्री है
शक्तिरूपिणी सहनशक्ति से पूरित है
भावी जल संकट पर सोचें ,
समझें और विचार करें
अपने सुझावों को विस्तार करें
चलो इस तरह वृक्ष प्रेमी बनकर
वृक्षारोपण करें...
धरती करती जल की पुकार
आओ उसे हम जल अर्पण कर दें...
- विश्वनाथ नायक
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