आषाढ़ की शुरुआत ...
आषाढ़ की शुरुआत हो गई आषाढ़ की शुरुआत तपती जलती उमस की गई रात मन्दित , शीतल , सुगंधित पवन की आयी बहार उद्यानों में, विरानों में जल में , थल में निर्जल में सर्वत्र छायी पावस की त्यौहार हो गई आषाढ़ की शुरुआत । कोयल करती कुहुक राग बिखरे पड़े हैं सुमन के पराग वन- उपवन में विचरण करते मृग, मयूर, गज नाना श्रेणी । करते हैं आषाढ़ की स्वागत.. थलचर , नभचर , जलचर श्रेणी ।। हो गई आषाढ़ की शुरुआत।। - विश्वानाथ नायक Khorigaon , Chhattisgarh ...
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