श्रीकृष्णजन्माष्टमी विशेष...

                    श्रीकृष्ण
         
        हरे कृष्ण हरे कृष्ण,कृष्ण कृष्ण हरे हरे 
        हरे राम हरे राम ,राम राम हरे हरे।।
           
श्रीकृष्ण भगवान नारायण के दशावतार में से एक अवतार हैं। वे हम सबके पितामह हैं तथा वे सृष्टि तथा प्रलय के स्वामी हैं। वे सत् (सत्य)  चित्त (स्थायी) और आनंद(सुख देने वाले) सच्चिदानंद  हैं। वे ही समस्त जीवों में आदि, मध्य तथा अन्त हैं।
ऐसे परमयोगी !श्रीकृष्ण को हमारा नमन् है ।

बांसुरी भगवान श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय है,क्योंकि बांसुरी में तीन गुण हैं 1. बांसुरी में गांठ नहीं है.जो संकेत देता है कि अपने अंदर किसी भी प्रकार की गांठ मत रखो यानि मन 
में बदले की भावना मत रखो.2. बिना बजाये वह नहीं बजती है.मानो बता रही है कि जब तक न कहा जाय, तब तक मत बोलो और 3रा. जब भी बजती है मधुर ही बजती है जिसका अर्थ हुआ जब भी बोलो मीठा बोलो ...
जब इस प्रकार के गुण भगवान किसी में देखते हैं तो वे भगवान के मित्र की श्रेणी में आते हैं। बांसुरी की धुन से नकारात्मक विचारों का ह्रास भी होता है।
     
     
भगवान श्रीकृष्ण को गौमाता भी अत्यंत प्रिय है। गाय सभी कार्यो मे उदार तथा समस्त गुणो की खान है। गाय का मूत्र ,गोबर ,दूध ,दही और घी भगवान श्रीकृष्ण के पंचद्रव्य हैं।

भगवान श्रीकृष्ण को पद् म पुष्प यानि कमल भी अत्यंत प्रिय है। जो कीचड़ वाले जल में उगता है और उसीसे पोषण प्राप्त  करता है , लेकिन हमेशा कीचड़ से अलग रहता है इसलिए कमल पवित्रता का प्रतीक है। कमल की सुन्दरता और सुगंध सबका मन मोह लेने वाली होती है साथ ही कमल यह संकेत देती है कि हमें कैसे जीना चाहिए ? सांसारिक और आध्यात्मिक जीवन किस प्रकार जिया जाए इसका सरल तरीका बताता है कमल .

                   श्री कृष्णाय नमः।।
         ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः।।

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