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श्री गणेश जी ...

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                                                                       ॐ वक्रतुण्डाय नमः।।                    श्री गणेशाय नमः।। 

श्रीकृष्णजन्माष्टमी विशेष...

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                    श्रीकृष्ण                   हरे कृष्ण हरे कृष्ण,कृष्ण कृष्ण हरे हरे          हरे राम हरे राम ,राम राम हरे हरे।।             श्रीकृष्ण भगवान नारायण के दशावतार में से एक अवतार हैं। वे हम सबके पितामह हैं तथा वे सृष्टि तथा प्रलय के स्वामी हैं। वे सत् (सत्य)  चित्त (स्थायी) और आनंद(सुख देने वाले) सच्चिदानंद  हैं। वे ही समस्त जीवों में आदि, मध्य तथा अन्त हैं। ऐसे परमयोगी !श्रीकृष्ण को हमारा नमन् है । बांसुरी भगवान श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय है,क्योंकि बांसुरी में तीन गुण हैं 1. बांसुरी में गांठ नहीं है.जो संकेत देता है कि अपने अंदर किसी भी प्रकार की गांठ मत रखो यानि मन  में बदले की भावना मत रखो.2. बिना बजाये वह नहीं बजती है.मानो बता रही है कि जब तक न कहा जाय, तब तक मत बोलो और 3रा. जब भी बजती है मधुर ही बजती है जिसका अर्थ हुआ जब भी बोलो मीठा बोलो ... जब इस प्रकार के गुण भगवान किसी में देखते हैं तो ...

जीवन का झरना : हिन्दी कविता

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                    जीवन का झरना                                                                      - आर.सी.प्रसाद सिंह    यह जीवन क्या है ? निर्झर है , मस्ती ही इसका पानी है। सुख दु:ख के दोनो तीरों से , चल रहा राहमनमानी है। कब फूटा गिरि के अन्तर में , किस अंचल से उतरा नीचे? किस घाटी से बहकर आया, समतल में अपनें को खींचे। निर्झर में गति है ,यौवन है वह आगे बढ़ता जाता है। धुन सिर्फ एक है,चलने की अपनी मस्ती में गाता है। निर्झर कहता है बढ़े चलो तुम पीछे मत देखो मुड़कर। यौवन कहता है बढ़े चलो, सोचो मत क्या होगा चलकर। चलना है केवल चलना है , जीवन चलता ही रहता है। मर जाना है रुक जाना ही, निर्झर यह झरकर कहता है।  कृपया अपने सुझाव अवश्य देवें।  Please live a comments...

73 वाँ स्वतंत्रता दिवस...

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                व 73  वाँ स्वतंत्रता दिवस  भा र त  को आजाद हुए ७२ वर्ष हो गए है और हमें गर्व है कि आज हमारा देश सतत् विकास के पथ पर चल रहा है और यह विकास हमारे भारतमाता के वीर सपूतों के बलिदान का परिणाम है। सच में उस असंख्य अतुल्य बलिदान के कारण ही आज हम आराम की श्वास ले पा रहें हैं। आज हम उन वीर सपूतों के ऋणी हैं...  उनकी विचारधारा "वसुधैव कुटुम्बकम " थी, अतः वे अपने हित को न सोचकर देशहित को सर्वोपरी मानते थे।  भारतमाता के वीर सपूतों को मेरी अश्रुपूरित श्रध्दांजलि...      आवाज देश की है , आशीष देश का है ।        आदेश हमें हो तो ,यह शीश देश का है ।।            हमारे देश की माटी पूजनीय है , वन्दनीय है । हमारे देश भक्तो के लिए एक फूल के मानसिक उदगार को देखिए  ...  मुझे तोड़ लेना बनमाली ,            उस पथ में तुम देना फेक।  मातृभूमि पर शीश चढ़ाने ,             जिस पथ ...

श्री विघ्नविनाशकाय नमः

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गणेश चतुर्थी 2019 तिथि : 2सितम्बर 2019 दिन : सोमवार , श्रीगणेश मूर्ति स्थापना तिथि , पंचाङग: भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी श्रीगणेश जी को शिवगण प्रमुख का स्थान प्राप्त है। गणेश जी को ज्योतिष ज्ञान में पारंगत कहा जाता है।

समय कितना मूल्यवान ?

               चिन्तन : समय की महत्ता    सच में समय बड़ा बलवान है । सब को     समय का एक क्षण ही मिलता है, किसी को   एक साथ दो क्षण नहीं मिलता । बीता हुआ   समय वापस नहीं आ सकता, समय की महत्ता बड़ी जरुरी है : उदाहरण के लिए 'समुद्र में मछली रहती है ,वह समुद्र में जन्म लेती है विकास करती है और फिर मरती भी समुद्र में है उसे समुद्र का ज्ञान नहीं होता यदि उसे समुद्र से निकालकर बाहर किनारे पर ले जाया जाय तब शायद उसे समुद्र का ज्ञान होगा उसी प्रकार से हमें शायद मेरे अनुभव से शायद ऐसा ही  आभास होगा।'हम समय को सिर्फ आभास कर सकते हैं, समय का हर क्षण मूल्यवान है ,यदि हम एक सुबह की एक घंटे व्यर्थ ही गवां दें और दिन में अन्य समय प्राप्त करने की कोशिश करें तो व्यर्थ है। हम सार्थक कार्यों को छोड़कर व्यर्थ व्यर्थ काम को पहले करना चाहते हैं जो कि सही नहीं है।

मन की लहर : वीर रस की कविता

                        काव्यांश : मन की लहर  बदलाव की आ रही बयार है  सामने लक्ष्य रहा पुकार है   हो परिस्थिति कुछ भी   हमें कूच करना होगा   सामने खडी ...  सशस्त्र सेना के मध्य   मार्ग बनाकर    चलना होगा।।